उम्र को देख कर तो कुछ नहीं कहा मैने
पर उनकी उम्र ने बहुत कुछ कहा था उस दिन
जिंदगी भर की बेसर्मी से बच गया था उस दिन
उस दिन पता चला इस उम्र के पड़ाव का
हजारो मुश्किलो को पार करने के बाद ये ही
तो एक दम भरने वाली चीज़ रहती है
तकाजा , अनुभव , समझदारी ,
जिम्मेदारी , कुछ दर्द कुछ यादें
कहा उस दिन मुझे की अब तुम इन्हें संभालना
पर उनकी उम्र ने बहुत कुछ कहा था उस दिन
जिंदगी भर की बेसर्मी से बच गया था उस दिन
उस दिन पता चला इस उम्र के पड़ाव का
हजारो मुश्किलो को पार करने के बाद ये ही
तो एक दम भरने वाली चीज़ रहती है
तकाजा , अनुभव , समझदारी ,
जिम्मेदारी , कुछ दर्द कुछ यादें
कहा उस दिन मुझे की अब तुम इन्हें संभालना
उनकी आँखों के दर्द को समझ कर
वादा तो कर दिया था मैंने पर ?
इस खजाने को कैसे संभालू?
ये मेरे बुजर्गो का खजाना
बुज़ुर्गों के अनुभव उनके ख़ज़ाने होते हैं...उन्हें संभाँलना ज़रूर चाहिए..., अपनी भरसक कोशिश करके...
जवाब देंहटाएं~सादर !
बुजुर्गों के अनुभव के खजाने में कुछ अनमोल मोती होते है .पहचानने वाला चाहिए.
जवाब देंहटाएंजाना है तो एक दिन, दनदनाय दिन बीत |
जवाब देंहटाएंसमय सतत गतिमान है, यही जगत की रीत |
यही जगत की रीत, तकाजा जिम्मा बंधन |
अनुभव बढ़ता जाय, सीखता जाता जीवन |
पर आ जाता काल, व्यर्थ हो गया मनाना |
बचुवा इसे संभाल, छोड़ कर चला खजाना ||
उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।।
जवाब देंहटाएंकिसको चिंता है आज इस खजाने की...बहुत मर्मस्पर्शी रचना..
जवाब देंहटाएंबेहद अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंकहा उस दिन मुझे की अब तुम इन्हें संभालना
जवाब देंहटाएंउनकी आँखों के दर्द को समझ कर
वादा तो कर दिया था मैंने पर ?
इस खजाने को कैसे संभालू?
ये मेरे बुजर्गो का खजाना ...ye khajaana kismat walon ko hi milta hai vibha jee...
कुछ किस्मत वालो के लिए ही होती है ये धरोहर ....बहुत खूब
जवाब देंहटाएंदीवाली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ
same to
हटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामना । मेरी नई पोस्ट प्रेम सरोवर पर ..
जवाब देंहटाएंsame to u
हटाएंसच में बुजुर्गों का खजाना है...
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