एहसास के बादल गरज़े हैं सावन की सुलगती रात में मिलेंगे दो दिल झूम - झूम के इश्क़ की बरसात में
कदम-कदम पे खौफ का साया, डर-डर के जीते हैं लोग
क्या होगा हमारे देश का इस नाजुक हालात में
कौन हो तुम ऐ अजनबी, क्या तुमसे मेरा वास्ता
लग रहे हो क्यूँ अपने से एक ही मुलाक़ात में
सजना तेरे नाम की मेंहदी हमने सजाई हाथों में
गूंज उठी है शहनाई - सी ख़्वाबों की बारात में
क्या सोच के तुम यहाँ आये थे खाली हाथ "अशोक"
हर चीज़ की कीमत होती है, कुछ मिलता नहीं खैरात में
---- शायर " रजनी शर्मा
कदम-कदम पे खौफ का साया, डर-डर के जीते हैं लोग
क्या होगा हमारे देश का इस नाजुक हालात में
कौन हो तुम ऐ अजनबी, क्या तुमसे मेरा वास्ता
लग रहे हो क्यूँ अपने से एक ही मुलाक़ात में
सजना तेरे नाम की मेंहदी हमने सजाई हाथों में
गूंज उठी है शहनाई - सी ख़्वाबों की बारात में
क्या सोच के तुम यहाँ आये थे खाली हाथ "अशोक"
हर चीज़ की कीमत होती है, कुछ मिलता नहीं खैरात में
---- शायर " रजनी शर्मा
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