इस बसंत पंचमी को बन रहा है यह विशेष योग करे यह कार्य। ..
30 जनवरी 2020 माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी का पर्व मान्य जायेगा / हिन्दू मान्यता के अनुसार इस तिथि का विशेष महत्व तो है ही बार बसंत पंचमी कुछ विशेष योग को लिए हुए भी है माँ सरस्वती को विद्या के देवी कहा जाता है और इस बार बसंत पंचमी को सर्वार्ध सिद्ध योग के साथ सिद्ध योग भी बन रहा है / इस दिन गुरुवार व उतराभाद्रपद नक्षत्र होने से सिद्धि योग बनेगा। इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। दोनों योग रहने से वसंत पंचमी की शुभता में और अधिक वृद्धि होगी।
हिन्दू पंचांग में कुछ ऐसे मुहूर्त होते है जो स्वयं में सिद्ध होते है ऐसे महूर्त में आप कई महत्वपुर्ण कार्यो का आरम्भ कर सकते है ऐसे ही बसंत पंचमी के दिन वाग्दान, विद्यारंभ, यज्ञोपवीत आदि संस्कारों व अन्य शुभ कार्यों को कर सकते है /
बसंत पंचमी को बन रहा यह संयोग
इस बसंत पंचमी शुक्ल पक्ष माघ मास को कुछ विशेष योग संयोग भी बन रहा है / क्योंकि वर्षो के बाद तीन ग्रह अपनी राशि में स्थित होने / जहा गुरुदेव बृहस्पति खुद की धनु राशि में होंगे वही सेनापति मंगल अपनी ही वृश्चिक राशि में स्थित होंगे / न्याय के देवता शनि देव मकर में आ चुके होंगे /
मांगलिक कार्यो के अनुसार या योग व ग्रहो की स्थित बड़ी ही शुभ मानी गई है /
पंचमी तिथि कब है
अलग अलग पंचांगों के अनुसार कुछ में पंचमी तिथि को 29 जनवरी तो कुछ पंचांगों में पंचमी तिथि 30 जनवरी की कही जा रही है / जबकि बुधवार को पंचमी तिथि 10 :46 मिनट पर सुबह शुरू होगी और गुरुवार को पंचमी तिथि दोपहर 1 :20 मिनट तक ही रहेगी / अतः धर्मसिंधु आदि ग्रंथों के अनुसार यदि चतुर्थी तिथि विद्धा पंचमी होने से शास्त्रोक्त रूप से 29 जनवरी बुधवार को वसंत पंचमी मनाना श्रेष्ठ रहेगा।
सरस्वती पूजन का महत्व
बसंत को ऋतुओ का राजा कहा है और इस दिन ही ज्ञान और बुद्धि की देवी माँ सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में भी मनाया जाता है / इस दिन विशेषकर माँ सरस्वती और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर ज्ञान और बुद्धि के रूप में आशीर्वाद प्राप्त करते है / इस मौके पर विशेष कर विद्यार्थी , स्कूल और गायन के क्षेत्र के लोग लेखनी और अपने वाद्य यंत्रो की पूजा आदि करते है/
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