सभी के जाने के बाद अवंतिका मन ही मन बडबडाते हुए , जल्दी जल्दी सफाई कर लेती हु फिर अभी रंजित को भी दवाई देनी बाकि है उसके बाद नहाना फिर खाना बनाना है / सफाई करने के बाद अवंतिका रंजित को दवाई देती है ये लो रंजित दवाई, भगवान जिंदगी में क्या क्या खेल खलता है हे ईश्वर मेरे रंजित को जल्द ठीक कर दो / रंजित को दवाई देने के बाद अवंतिका नहाने चली जाती है और फिर पूजा की तैयारी करने लगती है / और पूजा घर में भगवान की पूजा में मग्न हो जाती है /
सारे काम करने के बाद दरवाजे पर घंटी बजती है अवंतिका दरवाज़ा खोलती है अरे स्पंदना तुम आ गई जल्दी से कपडे चेंज कर लो फिर दोनों साथ में खाना खाते है और बता आज स्कूल में क्या क्या हुआ / दोनों स्पंदना और अवंतिका खाना खाने के बाद आराम करने लगते है और इस बीच में स्पंदना सो जाती है /
अवंतिका स्पंदना से स्पंदना स्पंदना बेटा उठो स्कूल से आने के बाद तो तुम इस तरह सो जाती हो की तुम्हे उठना ही नहीं होता है अभी अगले हफ्ते से तुम्हारे टेस्ट भी तो चालू होने वाले है उठो भी बेटा !
आगे पड़े कहानी जारी है।
बहुत सुन्दर ..., कहानी के भाग की प्रतीक्षा रहेगी ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत सृजन !
जवाब देंहटाएंएक चलचित्र सा उभरता है कहानी पढ़कर
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति
वाह बेहतरीन रचनाओं का संगम।एक से बढ़कर एक प्रस्तुति।
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अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआप का वर्णन बहुत ही बढ़िया है। अगली भाग के लिए प्रतीक्षा रहेगी।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लेख है Movie4me you share a useful information.
जवाब देंहटाएंLaazbaab.
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