काश उपर वाला मुझे लडकी बना दे
और फिर मुझे एक लड़की की माँ बना दे |
वो सकून, वो , वो दर्द, कोई मुझे भी दिला दे,
कोई मुझे एक लड़की के कपडे ही पहना दे ||
मैं भी उसे अपने गर्भ में रखती , उसको महसूस करती
मेरी सांसो से साँस लेती , उस की बातो को महसूस करती
और नहीं तो कोई मुझे माँ का अस्तित्व ही समझा दे ||
हर दिन मैं उसका सपना अपनी उसका सपना देखती
वो दिन भी गिनती जब वो इस संसार को देखती
कब वो आये कब मुझे माँ बुलाये
कोई अपनी बेटी मुझे एक दिन के लिए उधार देदे
वो न हो सके तो मुझे माँ कहने का अधिकार देदे
मैं अब असे ही मानता हूँ आज उसका जनम हो गया
मेरा एक सपना सपने में ही आज झूठ सा सुच हो गया
उस को देख देख कर हँसती, फिर उसको सिने से लगा लेती
कितनी प्यारी गुडिया है , उसके माथे पर कला टिका लगा देती
हे असमान हे धरती आप ही मुझे महसूस कर व दो
कोई तो सुने मेरी पुकार मुझे एक लड़की बना दे ||
हे असमान हर नजरो से से कह दो मेरी पुकार
हर आदमी से कह दो मेरी ये सदा
हर मनुष्य से कह दो जो सोचते है मेरी बेटी को ?
कोई तो मुझे इन को बंद करने का अधिकार दिला दो
ये न हो सके तो मुझे इस धरती से उठा दो
काश उपर वाला मुझे लडकी बना दे
और फिर मुझे एक लड़की की माँ बना दे |
दिनेश पारीक
अच्छी अभिव्यक्ति है!
जवाब देंहटाएंईश्वर आपकी कामना पूरी करें।
Bahut sunder rachna.....Bhagwan ne her aadmi ko kuch nemte di hai.aise hi ladki ko bhi.sach me matratva ka sukh bahut bada sukh hai.............
जवाब देंहटाएंआपकी अभिलाषा की अभिव्यक्ति दिल को छू गई !
जवाब देंहटाएंलेकिन-परन्तु है .... सपना देखना जितना मधुर है ....
सच के धरातल पर कडवी कुनैन है जो असंभव नहीं तो कठिन तो जरुर है .... !!
अर्जी कर मंजूर जब, लड़की दिया बनाय ।
जवाब देंहटाएंमची हाय-तोबा गजब, मुश्किल में मर माय ।
मुश्किल में मर माय, सास ससुरा पति पीटा ।
किया एक का व्याह, कर्ज में गया घसीटा ।
बिन व्याहे दो जन्म, अगर है तेरी मर्जी ।
करे कष्ट आजन्म, सुने ना कोई अर्जी ।।
सुंदर भाव .... पर रविकर जी की बात में भी काफी दम है
जवाब देंहटाएंनारी के नम के भाव कों समझने का प्रयास .. कमाल का है ..
जवाब देंहटाएंकिसी अच्छे डॉक्टर से मिलिए. हार्मोन चेक कराइए. ईश्वर ने लिंग परिवर्तन का काम डाक्टरों पर छोड़ दिया है.आपकी मनोकामना पूर्ण हो सकती है. हमारी शुभकामनायें आपके साथ हैं.
जवाब देंहटाएंवाह ... बेहतरीन ।
जवाब देंहटाएंकल 20/06/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
बहुत मुश्किल सा दौर है ये
bahut accha ....maine hmesha yahi chaha tha ki bhagwan pahli santan ke roop me bitiya hi dena aur mery iccha puri hui jo beti ko janm nhi lene dena chahte hain vastav me ve darinde hain...
जवाब देंहटाएंकाश ऐसे संभव हो सकता ....अपनी सोच से हर कोई उल्टा ही सोचता हैं ...पर एक औरत का जीवन जीना ......बहुत ही कठिन हैं ...कविता में लिखना और असल जिंदगी को जीना ...बहुत फर्क हैं
जवाब देंहटाएंमातृत्व पाने की उत्कंठा,बहुत अच्छी संकल्प्ना है . बधाई. लिखते रहो. आपकी लेखनी भावनात्मक विचारों को खूबसूरती से व्यक्त करती है.
जवाब देंहटाएंआपने अपने मनोभावों को बखूबी उतारा है अपनी रचना में..
जवाब देंहटाएंबधाई
अनु
क्या कहने
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर मनो भावों को शब्द दिए हैं आपकी भावना सम्मानीय है
जवाब देंहटाएंनारी इश्वर की अनुपम कृति .आपने शब्दों और रचना से सम्मान किया .....बहुत खुबसूरत कथन ...
जवाब देंहटाएंलेकिन आप खुद भी अनूठी चीज हैं आप अपना कमाल दिखाएँ
नारी बनने की ख्वाहिश पूरी हो गई तो बडे कष्ट हैं । पर आपने नारी के दर्द को समझा, आभार ।
जवाब देंहटाएंआपने नारी के दर्द को समझा..और दर्द को सहने की हिम्मत भी रखना...बहुत बढ़िया..
जवाब देंहटाएंसच में लेकिन किंतु परंतु तो है...पर जो भगवना ने बना दिया है वो भी ठीक है..तन कोई भी हो संवेंदनशील मन का होना जरुरी है
जवाब देंहटाएंभाव सम्प्रेषण में पूरी तरह कामयाब है यह रचना .
जवाब देंहटाएंसच्ची और अच्छी ख्वाहिश
जवाब देंहटाएंनारी की भावनाए समझने की अच्छी ख्वाहिस,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST ,,,,फुहार....: न जाने क्यों,
नारी मन को बहुत खूब समझा है आपने..
जवाब देंहटाएंसुन्दर इक्षा
सुन्दर रचना....
:-)
just WOW..
जवाब देंहटाएंkudos to your expressions :)
sir---aapki ye muraad kash upar wala hi sun le.
जवाब देंहटाएंbahut bahut hi shandaar tareeke se aapne dwiarthiprastuti ko abhivyakt
kiya hai.
ye ladki ko bo bojh samjhne walo ko bhi samajh me aajaye---
to knya ko janm lene se pahle hi maar dene ki ku-pratha bhi shayad kam ho jaaye
sadar naman
poonam
bahut sunder iccha hai aapki ......aameen
जवाब देंहटाएंBahut himmat ka kaam kiya hai aapne par ye sapna bahut dardnaak hai jo dekhta hai vahi samjh sakta hai...2 betiyaan hain dono baar khuda ke ghar se vaapas aayi hun..
जवाब देंहटाएंसुन्दर सृजन , बधाई.
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारकर अपना स्नेह प्रदान करें, आभारी होऊंगा .
अति सुन्दर...
जवाब देंहटाएंप्रिय धीरेन्द्र जी बहुत सुन्दर ...लेकिन ....बालिका को प्यारा पिता भी तो चाहिए ......काश आप सा ही सब ....यों ही प्यार लुटाएं ....जय श्री राधे
जवाब देंहटाएंआभार -भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण
Dheerendra ji,
जवाब देंहटाएंaapake sneh kaa aabhaaree hoon,rachana kee snndarata aur sarthakata ke liye badhai.
प्रिय महोदय
"श्रम साधना "स्मारिका के सफल प्रकाशन के बाद
हम ला रहे हैं .....
स्वाधीनता के पैंसठ वर्ष और भारतीय संसद के छः दशकों की गति -प्रगति , उत्कर्ष -पराभव, गुण -दोष , लाभ -हानि और सुधार के उपायों पर आधारित सम्पूर्ण विवेचन, विश्लेषण अर्थात ...
" दस्तावेज "
जिसमें स्वतन्त्रता संग्राम के वीर शहीदों की स्मृति एवं संघर्ष गाथाओं , विजय के सोल्लास और विभाजन की पीड़ा के साथ-साथ भारतीय लोकतंत्र की यात्रा कथा , उपलब्धियों , विसंगतियों ,राजनैतिक दुरागृह , विरोधाभाष , दागियों -बागियों का राजनीति में बढ़ता वर्चस्व , अवसरवादी दांव - पेच तथा गठजोड़ के दुष्परिणामों , व्यवस्थागत दोषों , लोकतंत्र के सजग प्रहरियों के सदप्रयासों तथा समस्याओं के निराकरण एवं सुधारात्मक उपायों सहित वह समस्त विषय सामग्री समाहित करने का प्रयास किया जाएगा , जिसकी कि इस प्रकार के दस्तावेज में अपेक्षा की जा सकती है /
इस दस्तावेज में देश भर के चर्तित राजनेताओं ,ख्यातिनामा लेखकों, विद्वानों के लेख आमंत्रित किये गए है / स्मारिका का आकार ए -फॉर (11गुणे 9 इंच ) होगा तथा प्रष्टों की संख्या 600 के आस-पा / विषयानुकूल लेख, रचनाएँ भेजें तथा साथ में प्रकाशन अनुमति , अपना पूरा पता एवं चित्र भी / लेख हमें हर हालत में 30 जुलाई 2012 तक प्राप्त हो जाने चाहिए ताकि उन्हें यथोचित स्थान दिया जा सके /
हमारा पता -
जर्नलिस्ट्स , मीडिया एंड राइटर्स वेलफेयर एसोसिएशन
19/ 256 इंदिरा नगर , लखनऊ -226016
ई-मेल : journalistsindia@gmail.com
मोबाइल 09455038215
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंsundar abhivyakti .
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी प्रस्तुति। मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन रचना....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
Kya baat hai.
जवाब देंहटाएं............
ये है- प्रसन्न यंत्र!
बीमार कर देते हैं खूबसूरत चेहरे...
स्त्री के सभी अनुभवों को पाना हर पुरुष चाहता है पर सच में स्त्री-जीवन जीना बहुत कठिन है. लड़की बनने की चाह और फिर लड़की की माँ बनने की चाह, बहुत सुन्दर रचना, बधाई.
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