मोसम बड़ा बेईमान है ये भी आजकल नेताओ की दुकान है
आम आदमी की कही टूटी कही फूटी एक दुकान है ....आज मोसम
मानसून आया है ये सरकार की शान है
एक दिन से दस दिन का ही तो ये मेहमान है
बंगाल में आया बम्बई में आया असाम में आया
ये सुन सुन के तो मेरे मन का आज बेहाल है ......आज मोसम
कहानिया बनती बिगडती रही मानसून ठहर गया
आजकल तो मानसों भी अखबारों की शान है ......आज मोसम
अखबारों में दिन बदले तारीख बदली मेने अख़बार बदल लिया
मानसून ने तो आज जगह बदली उप से दिल्ली बदली
आज फिर असे ही असमान भी झरना बन गया
फिर क्यूँ सीला जी का पानी की कटोती का ये फरमान है
आज मोसम बड़ा बेईमान है
मन मेरा कही टुटा कही फूटा एक दुकान है ....आज मोसम
मानसून आया है ये सरकार की शान है
मोसम बड़ा बेईमान है ये भी आजकल नेताओ की दुकान है
आम आदमी की कही टूटी कही फूटी एक दुकान है ....आज मोसम
दिनेश पारीक
आम आदमी की कही टूटी कही फूटी एक दुकान है ....आज मोसम
मानसून आया है ये सरकार की शान है
एक दिन से दस दिन का ही तो ये मेहमान है
बंगाल में आया बम्बई में आया असाम में आया
ये सुन सुन के तो मेरे मन का आज बेहाल है ......आज मोसम
कहानिया बनती बिगडती रही मानसून ठहर गया
आजकल तो मानसों भी अखबारों की शान है ......आज मोसम
अखबारों में दिन बदले तारीख बदली मेने अख़बार बदल लिया
मानसून ने तो आज जगह बदली उप से दिल्ली बदली
आज फिर असे ही असमान भी झरना बन गया
फिर क्यूँ सीला जी का पानी की कटोती का ये फरमान है
आज मोसम बड़ा बेईमान है
मन मेरा कही टुटा कही फूटा एक दुकान है ....आज मोसम
मानसून आया है ये सरकार की शान है
मोसम बड़ा बेईमान है ये भी आजकल नेताओ की दुकान है
आम आदमी की कही टूटी कही फूटी एक दुकान है ....आज मोसम
दिनेश पारीक
सुंदर ....
जवाब देंहटाएंमान्स्सों भी क्या क्या गुल खिलाता है ... बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंमन मेरा कही टुटा कही फूटा एक दुकान है ....आज मोसम
जवाब देंहटाएंमानसून आया है ये सरकार की शान है
मोसम बड़ा बेईमान है ये भी आजकल नेताओ की दुकान है
आदरणीय धीरेन्द्र जी न जाने ये कितना तड्पाएगा कितना जलाएगा ..अब तो दादुर मोर चकोर किसी की नहीं सुन रहा ..अच्छी रचना
भ्रमर ५
रचना सशक्त है पर भैया वर्तनी की अशुद्धियाँ बहुत हैं शीला जी अपने नाम का अशुद्ध रूप पढके नाराज हो जाएँगी .
जवाब देंहटाएंthanks sharma ji
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