जो
बीत गया वो लम्हा था
जो
आयेगा वो भी एक होगा॥
न
देख सके उसको जो बीत गया था
भी
उसी में जो सामने आए गा॥
उस
को क्या देखू में जो बीत चुका
जिंदगी
क्या है एक पानी का बुल बुला॥
जी
ले इसको हर पल न मर-मर कर
कोन
है किस को सुना र हा है दुखड़ा॥
साथ
क्या जाए गा क्या तूमे मिल जाएगा
ये
ही है दुनिया का मुखड़ा॥
2मीटर
कफन ओर 2गज जमीन का टुकड़ा
हस्ते-हस्ते
कट जाए जिंदगी के रस्ते
क्या
इज्जत, क्या सुख , क्या दुःख
जो
मिले अपना, ना मिले तेरा
दो
दिन की जिंदगी में क्या तेरा क्या मेरा
जो
बीत गया वो भूत हुआ
जो
भूत हुआ वो कभी था
जो
बीत गया वो लम्हा था
जो
आयेगा वो भी एक होगा॥
जो
बीत गया वो लम्हा था
गहन विचार -सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंNew post : दो शहीद
लम्हों में सिमटी जिंदगी
जवाब देंहटाएंउस को क्या देखू में जो बीत चुका
जवाब देंहटाएंजिंदगी क्या है एक पानी का बुल बुला॥
जी ले इसको हर पल न मर-मर कर
कोन है किस को सुना र हा है दुखड़ा॥
बेहतर है
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंक्या कहने
kya bat hai bahut khoob.
जवाब देंहटाएंअति सुंदर कृति
जवाब देंहटाएं---
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