मंगलवार, 6 नवंबर 2012

ये मेरे बुजर्गो का खजाना

उम्र को देख कर तो कुछ नहीं कहा मैने
पर उनकी उम्र ने बहुत कुछ कहा था उस दिन 
जिंदगी भर की बेसर्मी से बच गया था उस दिन 
उस दिन पता चला इस उम्र के पड़ाव का 
हजारो मुश्किलो को पार करने के बाद ये ही 
तो एक दम भरने वाली चीज़ रहती है 
तकाजा , अनुभव , समझदारी ,
जिम्मेदारी , कुछ दर्द कुछ यादें 
कहा उस दिन मुझे की अब तुम इन्हें संभालना
उनकी आँखों के दर्द को समझ कर 
वादा तो कर दिया था मैंने पर ?
इस खजाने को कैसे  संभालू?
ये मेरे बुजर्गो का खजाना 

11 टिप्‍पणियां:

  1. बुज़ुर्गों के अनुभव उनके ख़ज़ाने होते हैं...उन्हें संभाँलना ज़रूर चाहिए..., अपनी भरसक कोशिश करके...
    ~सादर !

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  2. बुजुर्गों के अनुभव के खजाने में कुछ अनमोल मोती होते है .पहचानने वाला चाहिए.

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  3. जाना है तो एक दिन, दनदनाय दिन बीत |
    समय सतत गतिमान है, यही जगत की रीत |
    यही जगत की रीत, तकाजा जिम्मा बंधन |
    अनुभव बढ़ता जाय, सीखता जाता जीवन |
    पर आ जाता काल, व्यर्थ हो गया मनाना |
    बचुवा इसे संभाल, छोड़ कर चला खजाना ||

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  4. किसको चिंता है आज इस खजाने की...बहुत मर्मस्पर्शी रचना..

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  5. कहा उस दिन मुझे की अब तुम इन्हें संभालना

    उनकी आँखों के दर्द को समझ कर
    वादा तो कर दिया था मैंने पर ?
    इस खजाने को कैसे संभालू?
    ये मेरे बुजर्गो का खजाना ...ye khajaana kismat walon ko hi milta hai vibha jee...

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  6. कुछ किस्मत वालो के लिए ही होती है ये धरोहर ....बहुत खूब


    दीवाली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ

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  7. दीपावली की हार्दिक शुभकामना । मेरी नई पोस्ट प्रेम सरोवर पर ..

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  8. सच में बुजुर्गों का खजाना है...

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