शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

बोलो खरीदोगे ?

बोलो खरीदोगे ?
यहाँ जिंदगी बिकती है बिकती है मौत यहाँ 
यहाँ लाश बिकती है बिकता है जिश्म यहाँ 
यहाँ भक्त बिकते  है बिकते है भगवान यहाँ 
 बोलो खरीदोगे ?
यहाँ डाक्टर बिकते है बिकते है ईमान यहाँ 
बिकते है नेता यहाँ बिकती है जुबान यहाँ 
बिकते है अपराध यहाँ बेचती  है पुलिस यहाँ  

बोलो खरीदोगे ?
बिकती है इज्ज़त यहाँ बिकती है शर्म हया
बिकती है बेटी यहाँ बिकती है बहने यहाँ 
बिकती है ममता यहाँ बेचती  है माँ  यहाँ   

बोलो खरीदोगे ?
बिक रहा है ईमान यहाँ बेच रहे ईमानदारी  यहाँ 
बिक रहा गुनाह यहाँ बेच रहे गुनहगार यहाँ   
बिक रहा देश यहाँ बिक रहे देशवाशी यहाँ

बोलो खरीदोगे ? 
आशीष त्रिपाठी 

5 टिप्‍पणियां:

  1. एक पुराना फ़िल्मी गीत याद आ गया...
    दूल्हा बिकता है बोलो खरीदोगे...गीत दहेज प्रथा के खिलाफ था ..

    सार्थक रचना..

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  2. bahut accha likha hai....aaj ki halat ko maddenazar rakhte hue likhi gayi rachna.....nicee

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