tag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post2863827050448052955..comments2024-03-03T06:06:07.350+05:30Comments on उड़ान मन की : आज कल के प्रेमियों कोDinesh pareekhttp://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-79405938092095807722011-03-27T17:59:39.971+05:302011-03-27T17:59:39.971+05:30दिनेश जी कविता पढ ही नहीं पाया। कृपया रंग संयोजन ...दिनेश जी कविता पढ ही नहीं पाया। कृपया रंग संयोजन ठीक से कर लें ताकि कविता का आनंद लिया जा सके।Atul Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-60945611871443720252011-03-27T14:52:42.420+05:302011-03-27T14:52:42.420+05:30आपका ब्लॉग और इसमें संगृहीत रचना रमणीय है...
यहाँ...आपका ब्लॉग और इसमें संगृहीत रचना रमणीय है...<br /><br />यहाँ भी आयें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर अवश्य बने .साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ . हमारा पता है ... www.akashsingh307.blogspot.comआकाश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17420922344485600342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-71566163771239107382011-03-23T22:20:10.662+05:302011-03-23T22:20:10.662+05:30दिनेश जी समझ नहीं पाई ये आपकी कविता है या किसी और ...दिनेश जी समझ नहीं पाई ये आपकी कविता है या किसी और की ...<br />हरे रंग में कविता भी स्पष्ट नज़र नहीं आ रही ...!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.com