tag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post5672917130003028726..comments2024-03-03T06:06:07.350+05:30Comments on उड़ान मन की : रूपलीDinesh pareekhttp://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-15270924778397543032012-12-18T17:39:32.533+05:302012-12-18T17:39:32.533+05:30भाव समझ में आ गया..भाव समझ में आ गया..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-51673052228163515792012-12-10T21:22:28.653+05:302012-12-10T21:22:28.653+05:30आदरणीय .....सादर प्रणाम ... गाँव रो खेल भूल्या, बच...आदरणीय .....सादर प्रणाम ... गाँव रो खेल भूल्या, बचपण मेल रो भूल्या<br />गायां खूँटो भूल्या , पिंपळ रो गटो भूल्या<br />राताँ री बाताँ बिसराई , मांग्योड़ी छा बिसराई<br /><br />बहुत मजेदार आइडिया चुना है. शानदार व्यंग्य. थोड़ी और रंगाई पुताई करते सर, छोटे में समेट दिया. लेकिन गजब है फिर भी . करारा व्यंग..............बधाई ! गजानन्द सुथारhttps://www.blogger.com/profile/08242664746394785300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-65676013083006375002012-12-08T12:49:06.737+05:302012-12-08T12:49:06.737+05:30जग भूल्या घर भूलग्या , भूलग्या गाँव समाज
गाँव री ब...<b> </b> <br /><b>जग भूल्या घर भूलग्या , भूलग्या गाँव समाज<br />गाँव री बेठक भूल्या , भूलग्या खेत खलिहान </b> <br /><b> </b>… पण म्हैं जाणूं आप कीं नीं भूल्या<br /><b> </b> जद ई तो आपरी मायड़ भोम ,आपरी संस्कृति नैं याद करता थका<br /><b> </b> आपरी मायड़ भाषा में इत्ती फूठरी रचना लिखी …<br /><b> </b> <b> संजय पारीक 'भारती'जी </b> !<br /><b> </b> <br /><b> </b><b> </b> सरावणजोग रचना !<br /><b> </b> <br /><b> </b> <b> </b> परदेस बैठां आपनैं आपरी माटी री सौरम री रळी आवै जणां<br />म्हारै राजस्थानी ब्लॉग <b><a href="http://rajasthaniraj.blogspot.in/" rel="nofollow">ओळ्यूं मरुधर देश री…</a></b> पर पधारजो सा … थां'रौ घणैमान स्वागत है …<br /><br /><br />…और ,मेरे ब्लॉग <b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in/" rel="nofollow">शस्वरं</a></b> पर भी आपका हार्दिक स्वागत है …<br />यहां भी आइएगा …Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-27906027857979489122012-12-06T22:31:38.062+05:302012-12-06T22:31:38.062+05:30राजस्थानी भाषा मे है सो थोड़ी कठिनाई हुवी होगी राजस्थानी भाषा मे है सो थोड़ी कठिनाई हुवी होगी कवि कूमाणसhttps://www.blogger.com/profile/14745321733419674109noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-21498622334501112222012-12-06T18:38:22.670+05:302012-12-06T18:38:22.670+05:30कुछ शब्दों का अर्थ न मालूम होनेसे पूर्ण भाव स्पस्ट...कुछ शब्दों का अर्थ न मालूम होनेसे पूर्ण भाव स्पस्ट न समझ पाया !धीरेन्द्र अस्थानाhttps://www.blogger.com/profile/14444695558664600159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-73777975586018133712012-12-06T15:57:21.922+05:302012-12-06T15:57:21.922+05:30बहुत सुन्दर प्रयास
बहुत बहुत धन्यवाद बहुत सुन्दर प्रयास <br />बहुत बहुत धन्यवाद shree gauram construction co. ltdhttps://www.blogger.com/profile/09341103653174107714noreply@blogger.com