tag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post4767641196549612476..comments2024-03-03T06:06:07.350+05:30Comments on उड़ान मन की : रात भर...Dinesh pareekhttp://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-66169082870190582342012-08-19T05:36:30.882+05:302012-08-19T05:36:30.882+05:30बेहद सुंदर गज़ल सारे दर्द को अपने अंदर समेटे हुए ।...बेहद सुंदर गज़ल सारे दर्द को अपने अंदर समेटे हुए ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-18174799278321354112012-08-05T12:42:05.191+05:302012-08-05T12:42:05.191+05:30हमको पीने को एक कतरा भी न मिला
और दौर पर दौर चलते...हमको पीने को एक कतरा भी न मिला <br />और दौर पर दौर चलते रहे रात भर ...<br /><br />वाह ... जिंदगी की रीत को खूबसूरती से शब्दों में बाँधा है आपने ... लाजवाब शेर हैं सभी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-8900845133511517192012-07-31T00:37:02.213+05:302012-07-31T00:37:02.213+05:30रौशनी हमें दे ना पाए यह चिराग अब
यूँ तो कहने को व...रौशनी हमें दे ना पाए यह चिराग अब <br />यूँ तो कहने को वो जलते रहे रात भर !!६!!<br />छत में लेट टटोले हमने आसमान <br />रचना बहुत अच्छी है भावाभिव्यक्ति लाज़वाब है ,यह के स्थान पर "ये "आना चाहिए चराग एक से ज्यादा हैं "रौशनी हमें दे ना पाए ....रात भरvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-22104246401731424812012-07-30T19:26:34.671+05:302012-07-30T19:26:34.671+05:30वाह बहुत खूबवाह बहुत खूबAnju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-864757861818803792012-07-30T10:13:27.498+05:302012-07-30T10:13:27.498+05:30बहुत सुन्दर और सार्थक सृजन , बधाई.
कृपया मेरे ब्...बहुत सुन्दर और सार्थक सृजन , बधाई.<br /><br /> कृपया मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" पर भी पधारें, प्रतीक्षा है आपकी .S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-84160250166419710642012-07-29T22:45:34.884+05:302012-07-29T22:45:34.884+05:30बहुत सुन्दर....
छत में लेट टटोले हमने आसमान
अश्क ...बहुत सुन्दर....<br />छत में लेट टटोले हमने आसमान <br />अश्क इन आँखों से ढलते रहे रात भर <br /><br />लाजवाब !!!!<br /><br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-28398687011177876112012-07-29T20:25:56.311+05:302012-07-29T20:25:56.311+05:30बहुत खूब ...
आपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हम...बहुत खूब ...<br /><br /><br /><a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/07/blog-post_29.html" rel="nofollow">आपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है, भिक्षावृत्ति मजबूरी नहीं बन रहा है व्यवसाय - ब्लॉग बुलेटिन , के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद ! </a>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-33114216506265912312012-07-29T19:04:23.206+05:302012-07-29T19:04:23.206+05:30हमको पीने को एक कतरा भी न मिला
और दौर पर दौर चलते...हमको पीने को एक कतरा भी न मिला <br />और दौर पर दौर चलते रहे रात भर !<br />Bahut hi shandaar rachna...Suresh kumarhttps://www.blogger.com/profile/05489753526784353258noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-68395272671814367792012-07-29T14:28:35.370+05:302012-07-29T14:28:35.370+05:30छत में लेट टटोले हमने आसमान
अश्क इन आँखों से ढलते...छत में लेट टटोले हमने आसमान <br />अश्क इन आँखों से ढलते रहे रात भर <br /><br />बहुत खूब ....शिवनाथ कुमारhttps://www.blogger.com/profile/02984719301812684420noreply@blogger.com