tag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post2723131968476979410..comments2024-03-03T06:06:07.350+05:30Comments on उड़ान मन की : अब शाहों का सिंहासन, जल्दी थर्राने वाला है,Dinesh pareekhttp://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-50428172735489924052011-05-14T21:27:05.661+05:302011-05-14T21:27:05.661+05:30प्रतीक जी सुन्दर रचना निम्न पंक्ति गंभीर
है सच ...प्रतीक जी सुन्दर रचना निम्न पंक्ति गंभीर <br />है सच कहा आप ने श्वेत वसन में लिपटे लोग काल हैं हमारे समाज के लिए <br />बड़ी ही देर से सही, मगर आवाज तो आई,<br />यहाँ उजले लिबासों में छिपा हर हाथ काला है।<br /><br />बेबाक रचना यों ही लिखते रहिये <br />शुक्ल ब्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.com