tag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post164271415930878131..comments2024-03-03T06:06:07.350+05:30Comments on उड़ान मन की : थोड़े से जाओगेDinesh pareekhttp://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-42774188249218519472013-12-10T20:15:33.375+05:302013-12-10T20:15:33.375+05:30sukriya mukesh ji sukriya mukesh ji Dinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-82059429831317733652013-12-04T16:58:40.641+05:302013-12-04T16:58:40.641+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति ... बहुत सुन्दर प्रस्तुति ... कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-55726110004093717622013-12-04T11:39:44.118+05:302013-12-04T11:39:44.118+05:30आपकी यह कविता पढ़कर मुझे श्री अशोक वाजपेयी जी की कव...आपकी यह कविता पढ़कर मुझे श्री अशोक वाजपेयी जी की कविता "विदा" याद आ गई, वो भी कुछ इसी तरह है, मैं उनकी कविता को यहाँ नीचे दे रहा हूँ उसका भी आनन्द उठाएं:<br /><br />तुम चले जाओगे<br />पर थोड़ा-सा यहाँ भी रह जाओगे<br />जैसे रह जाती है<br />पहली बारिश के बाद<br />हवा में धरती की सोंधी-सी गंध<br />भोर के उजास में<br />थोड़ा-सा चंद्रमा<br />खंडहर हो रहे मंदिर में<br />अनसुनी प्राचीन नूपुरों की झंकार।<br /><br />तुम चले जाओगे<br />पर थोड़ी-सी हँसी<br />आँखों की थोड़ी-सी चमक<br />हाथ की बनी थोड़ी-सी कॉफी<br />यहीं रह जाएँगे<br />प्रेम के इस सुनसान में।<br /><br />तुम चले जाओगे<br />पर मेरे पास<br />रह जाएगी<br />प्रार्थना की तरह पवित्र<br />और अदम्य<br />तुम्हारी उपस्थिति,<br />छंद की तरह गूँजता<br />तुम्हारे पास होने का अहसास।<br /><br />तुम चले जाओगे<br />और थोड़ा-सा यहीं रह जाओगे।<br /><br /> ****<br /><br /><br /> Mukesh Tyagihttps://www.blogger.com/profile/11814008114728489043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-90248783608755991442013-12-04T11:36:44.443+05:302013-12-04T11:36:44.443+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Mukesh Tyagihttps://www.blogger.com/profile/11814008114728489043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-136608227157311629.post-12670985109133037152013-12-03T14:26:20.905+05:302013-12-03T14:26:20.905+05:30दूर होते हुए भी पास होने का एहसास रह जाता है ...दूर होते हुए भी पास होने का एहसास रह जाता है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com